सामाजिक मुद्दे
शेख हसीना, बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक रही प्रधानमंत्री, जुलाई 2024 के विद्रोह के बाद भारत भाग गईं। उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध के लिए दोषी ठहराया गया।
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सामाजिक मुद्दे
8वीं केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी मिली, जिसकी अध्यक्षता रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू हो सकती हैं, जिससे 1.19 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर्स लाभान्वित होंगे।
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खेल
भारत ने 24 सितंबर को बांग्लादेश को हराकर एशिया कप 2025 की फाइनल में जगह पक्की की, जबकि पाकिस्तान ने भी सुपर‑4 में जगह बना ली, फाइनल में दो प्रतिद्वंद्वी टकराएंगे.
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सामाजिक मुद्दे
राजस्थान में चल रही वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना‑2025 के तहत बीकानेर व चुरू जिलों में लॉटरी ड्रॉ की तिथियों, पात्रता मानदंडों और यात्रा सुविधाओं का विस्तृत विवरण। योजना के लाभ, आवेदन प्रक्रिया और चयन प्रणाली को समझें।
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सामाजिक मुद्दे
निच्लाउल प्रशासन ने दुर्गा पूजा और दशहरा के दौरान ध्वनि, लाइटिंग और पूजा स्थल से जुड़ी कई नई पाबंदियां लगाई हैं। इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण को संतुलित करना है। शहर में ध्वनि प्रदूषण, आगजनी और भीड़ नियंत्रण को लेकर चिंता बढ़ी है। स्थानीय समाज और पंडितों ने इन उपायों पर विविध प्रतिक्रियाएँ दर्ज की हैं।
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भारतीय समाचार पोर्टल
GST दर घटने के बाद Tata Motors ने 22 सितंबर 2025 से अपनी पैसेंजर कारों के दाम 65,000 से 1.55 लाख रुपये तक घटा दिए। Nexon पर सबसे ज्यादा कटौती है। कंपनी ने कहा, पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचेगा। सरकार ने 350cc तक इंजन वाली छोटी कारों और मोटरसाइकिलों पर GST 28% से 18% किया है। फेस्टिव सीजन से पहले यह फैसला मांग बढ़ा सकता है।
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सामाजिक मुद्दे
मेरे दोस्तों, आज का विषय थोड़ा गम्भीर है, लेकिन मैं आपको हँसते-खेलते समझाऊंगा। मुस्लिम महिलाओं को कुछ अधिकार नहीं मिलते हैं, जैसे कि तीसरे तलाक के खिलाफ अधिकार, हानिकारक कस्टम के खिलाफ लड़ने का अधिकार, या आर्थिक स्वायत्तता का अधिकार। लेकिन यारों, आपको जानकर खुशी होगी कि सरकार और समाज इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। तो चिंता ना करें, बस थोड़ी सी समझ और सहयोग की जरूरत है, और हम सब मिलकर इसे सुलझा सकते हैं। हमेशा की तरह मुस्कान बनाए रखें और आगे बढ़ते रहें।
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सांस्कृतिक और धार्मिक जानकारी
मेरे ब्लॉग में मैंने उन सवालों का जवाब दिया है जो लोगों के मन में होते हैं कि मुस्लिम महिलाएं अपने काले अबाया के नीचे क्या पहनती हैं। अबाया एक धार्मिक वस्त्र होता है जो मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाता है और इसके नीचे वे आमतौर पर आरामदायक कपड़े जैसे कि सूट, सलवार-कमीज, जीन्स या टी-शर्ट पहनती हैं। यह उनकी व्यक्तिगत पसंद और सुविधा पर निर्भर करता है। यह अहम बात है कि अबाया पहनने से उनका आत्मसम्मान और धार्मिक अनुशासन व्यक्त होता है।
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सामाजिक मुद्दे
मेरे ब्लॉग में मैंने यह विचार व्यक्त किया है कि क्या मुस्लिम महिलाएं गर्मी के दिनों में भी बुरका पहनकर खुश रहती हैं। यह विषय व्यक्तिगत आवश्यकताओं और धार्मिक मान्यताओं के बीच संतुलन का प्रश्न है। कई मुस्लिम महिलाएं अपने धर्म के प्रति समर्पण और बुरका पहनने के अपने निजी फ़ैसले को मानती हैं, जिससे उन्हें आत्म-संतुष्टि मिलती है। हालांकि, यह एक व्यक्तिगत चुनाव है और सभी महिलाओं के लिए यह सर्वसम्मत नहीं हो सकता। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी व्यक्तिगत चुनावों का सम्मान करें और समझें।
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सामाजिक मुद्दे
मेरे विचार से, मुस्लिम महिलाओं का हिजाब उनकी धार्मिक आस्था और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे पहनने का निर्णय स्वतंत्र रूप से और स्वेच्छा से होना चाहिए। मेरी सोच में, किसी भी महिला की व्यक्तिगत और धार्मिक चयन का सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें यह समझना चाहिए कि हिजाब एक व्यक्तित्व और खुद को व्यक्त करने का एक साधारण तरीका है। यह न केवल एक पहनावा है, बल्कि यह उनकी संस्कृति और आस्था की भी प्रतीक है।
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